नीमच। इमाम हुसैन अ.स. की याद में अदबी संगम नीमच के तत्वावधान में सलाम ख्वानी का भव्य आयोजन इंदिरा नगर स्थित एम.आई.जी. 51 “अनन्त विला” पर किया गया। इस मौके पर नीमच सहित आसपास के ज़िलों से नामचीन शायरों ने शिरकत की और अपनी शायरी के माध्यम से शोहदा-ए-कर्बला को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया।
कार्यक्रम में निंबाहेड़ा से सैयद वसीम इरफानी, जमील अहमद ‘जमील’, शाहनवाज ‘शाद’ और उस्मान खान, मंदसौर से कलीम शाह और नीमच से अख्तर अली शाह ‘अनन्त’, “आलम” तौकीर नियाज़ी, मंसूर अली ‘मंसूर’, अब्दुल हमीद, आमिर सोहेल नियाज़ी, मास्टर सलीम, असद असनैन ‘असद’, महिपाल सिंह चौहान, राधेश्याम शर्मा और अकबर हुसैन ‘शफक’ ने शिरकत की।
इस अवसर पर सभी शायरों ने “कर्बोबला की रेत को सोना बना दिया” इस तरह पर अपने-अपने कलाम पेश किए। कुछ ने तरन्नुम में तो कुछ ने तहत में शायरी सुनाकर महफिल को रौशन कर दिया। राधेश्याम शर्मा ने विरह की पीड़ा को कविता के रूप में पेश किया, तो कलीम शाह की नज़्म को खूब सराहा गया। अब्दुल हमीद ने फरहत रतलामी का कलाम तरन्नुम में पेश किया।
कार्यक्रम के दौरान संस्था “अदबी संगम नीमच” द्वारा वर्ष 2025 का “अदबी संगम सम्मान” सैयद वसीम इरफानी को प्रदान किया गया। साथ ही सभी आमंत्रित शायरों का स्वागत एवं सम्मान किया गया। विशेष रूप से मेज़बान शायर अख्तर अली शाह ‘अनन्त’ का सम्मान उनके योमे पैदाइश के अवसर पर किया गया।
कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन “आलम” तौकीर नियाज़ी ने किया। अंत में संयोजक अकबर हुसैन ‘शफक’ ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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