नीमच। जिला मुख्यालय से जुड़े जावद थाना क्षेत्र की नयागांव चौकी पर पदस्थ आरक्षक दिलीप चंद्रवंशी बागरी इन दिनों चर्चाओं के केंद्र में है। चर्चा का कारण है – बेहद कम समय में खड़ा किया गया उनका आलीशान मकान। आरक्षक की सरकारी आय को देखते हुए यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने कम समय में इतना बड़ा मकान बनाने के लिए धन कहां से आया?
स्थानीय लोगों का कहना है कि आरक्षक ने महज़ कुछ वर्षों की सेवा में ही आलीशान मकान का निर्माण कर लिया, जबकि उनकी आमदनी केवल वेतन पर आधारित है। इससे क्षेत्र में आय से अधिक संपत्ति को लेकर तरह-तरह की चर्चाएँ तेज हो गई हैं।
गौरतलब है कि नीमच-मंदसौर क्षेत्र अफीम उत्पादन का प्रमुख इलाका है। यहां अफीम की खेती कानूनी रूप से होती है, लेकिन इसके साथ-साथ अवैध तस्करी के मामलों में भी यह इलाका कुख्यात माना जाता है। पूर्व में भी कई पुलिस आरक्षकों की संलिप्तता तस्करी के मामलों में उजागर हो चुकी है। यही कारण है कि लोगो के बीच यह सवाल और गहराता जा रहा है कि कहीं यह संपत्ति भी ऐसे ही अवैध स्रोतों से तो नहीं अर्जित की गई?
सूत्रों के अनुसार, इस पूरे मामले की शिकायत भोपाल तक पहुँच चुकी है। गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय के स्तर पर भी इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही लोकायुक्त या आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा जांच प्रारंभ की जा सकती है।
स्थानीय जागरूक नागरिकों का कहना है कि यदि यह मामला सही पाया जाता है, तो पुलिस विभाग की छवि धूमिल होगी। इसलिए आवश्यक है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और यदि आरक्षक दोषी पाए जाते हैं, तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।अब यह देखना होगा कि भोपाल तक पहुँची शिकायत पर प्रशासन कब और किस स्तर पर कार्रवाई करता है। फिलहाल जिले में यह मामला गांव से लेकर शहर तक चर्चा का सबसे बड़ा विषय बना हुआ है।
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