भीम आर्मी/आजाद समाज पार्टी नीमच जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश कंडारा का अवतरण दिवस मना बड़े धूम धाम से, चाहने वालों ने दी बधाई शुभकामनाएं, जानिए इन शख्सियत के बारे में, संघर्ष से भरा रहा जीवन

Spread the love

नीमच। आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश कंडारा के जन्मदिन पर शहर के अंबेडकर सर्कल पर उनके समर्थकों व चाहने वालों ने पुष्पमाला पहनाकर व मुँह मीठा कर उनका स्वागत कर जन्मदिवस मनाया। बड़े धूमधाम से मनाए इस जन्मदिवस में जिलेभर से श्री कंडारा के चाहने वालो ने मौजूद रहकर श्री कंडारा के लिए लम्बी उम्र की कामना की।

52 वर्ष पूर्ण, पढ़िए इनका जीवन परिचय…

नीमच जिले की लाल माटी ने ऐसे-ऐसे वीरों को जन्म दिया जिनकी गाथा पूरा हिन्दुस्तान पढ़ते से नहीं थकता, ऐसे ही एक वीर श्री ओमप्रकाश कंडारा की ऐतिहासिक कहानी आज दबंग मालवा बताने जा रहा हैं, बचपन से ही संघर्षशील व मेहनत भरे जीवन में श्री कंडारा ने 26 साल अर्ध सैनिक बल में रहकर देश की सेवा की हैं। सीआरपीएफ के जवान रहे श्री कंडारा 1995 से 2021 तक आसाम, मिजोरम, श्रीनगर, मुंबई, झारखंड में तैनात रहकर अपनी सेवाएं दी, इस दौरान आतंकवादियों से और नक्सलवादियों से भी आमने सामने की लड़ाई लड़ी और देश सेवा का जज्बा लिए मां भारती के सपूत होने का सबूत पेश किया। इस दौरान सेवा में उन्हें अति उत्कृष्ट सेवा पदक से नवाजा गया। अगस्त 2021 को वह सीआरपीएफ नीमच से सेवानिवृत हो गए, कहावत है कि फौज का जवान हमेशा जवान ही रहता है। बुढ़ापा इनके मुकद्दर में नहीं होता और हौंसले फौलाद होते हैं।


इसी कहावत पर अमल करते हुए श्री कंडारा ने सेवानिवृत्ति सीआरपीएफ से तो ली हैं। लेकिन मानव कल्याण के लिए समाज सेवा में कूद पड़े। और दलितों, पीड़ितों, शोषितों, वंचितों की लड़ाई लड़ने भीम आर्मी/आजाद समाज पार्टी कांशी राम के सिपाई बने, उनकी मेहनत और लगन बहुजन समाज पार्टी नीमच में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए राष्ट्रीय हाईकमान ने उन्हें नीमच विधान सभा 230 जावाद का पार्टी से टिकिट दिया और विधायक का चुनाव लड़ाया। वर्तमान में श्री कंडारा को नीमच जिला अध्यक्ष आजाद समाज पार्टी कांशी राम की कमान सौपी हुई है। इन्हीं हौसलों के साथ वह एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकारों की लड़ाई मैदान में आकर लड़ रहे है। समाज सेवा का जज़्बा श्री कंडारा में 16 साल के उम्र से ही था। लेकिन पूरे देश की सेवा का जज्बा उन्हें उनके पिताजी की जीवनी से मिला। श्री कंडारा के पिताजी रामलाल कंडारा भी सीआरपीएफ के जवान थे। 1965 के भारत- पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने पाकिस्तानी कमांडरों को धूल चटाई।
जिसके बाद एक रणनीति के तहत पाकिस्तानी फौज ने उन्हें व उनके साथियों को बंधक बनाकर 6 माह तक अपनी कैद में रखा और उसके बाद भारत सरकार के दवाब में उन्हें जेल से रिहा किया गया। पिताजी के हौसले ने ओमप्रकाश कंडारा के इरादों में जान फूंकी। जिसके बाद देश सेवा, मानव सेवा में श्री कंडारा ने कदम रखे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: क्रप्या न्यूज़ कॉपी न करे अन्यथा आपको DMCA दिया जाएगा