शहर के स्पेंटा पंप के समीप ग्रीन बेल्ट की आरक्षित भूमि पर अतिक्रमण कर चलाया जा रहा व्यवसायिक  धंधा, टीएनसीपी की भूमि पर अवैध कब्जा, नगर निकाय की भूमिका संदिग्ध, शिकायतों के बाद भी नही जागा प्रशासन

Spread the love

नीमच। पर्यावरण संतुलन और भविष्य की अधोसंरचनात्मक योजनाओं के तहत आरक्षित की गई ग्रीन बेल्ट और टीएनसीपी की शासकीय भूमि पर अवैध पट्टों और व्यवसायिक अतिक्रमण का सिलसिला लगातार तेज़ हो रहा है। जवाहर नगर योजना क्रमांक 02 सपेंटा की पुलिया महू-नसीराबाद हाईवे के किनारे, जहां टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएनसीपी) ने आगामी बायपास, सार्वजनिक उपयोग और हरित क्षेत्र हेतु भूमि आरक्षित की थी, वहां आज दुकानें, वर्कशॉप, गोदाम और अन्य व्यावसायिक निर्माण खुलकर संचालित हो रहे हैं।

शिकायतों के बाद भी मौन प्रशासन

सूत्रों के अनुसार, इन अवैध निर्माणों और अतिक्रमणों की शिकायतें कई बार शासन व विभागों को भेजी जा चुकी हैं। बावजूद इसके, अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। आरोप हैं कि न केवल शासकीय ग्रीन बेल्ट भूमि पर नियमों को ताक पर रखकर पट्टे दिए गए हैं, बल्कि इन भूखंडों को किराए पर देकर व्यावसायिक रूप से उपयोग भी किया जा रहा है, जो पूरी तरह गैरकानूनी है।

टीएनसीपी की योजना को ठेंगा

जिस भूमि को टीएनसीपी ने भविष्य के हाईवे विस्तार और सार्वजनिक विकास के लिए आरक्षित किया था, वहां अब खुलेआम व्यावसायिक निर्माण किए जा रहे हैं। जानकार मानते हैं कि यह सब नगर निकाय की मिलीभगत या मौन सहमति के बिना संभव नहीं है।

प्रशासनिक निष्क्रियता या संरक्षण?

राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि ग्रीन बेल्ट व आरक्षित भूमि पर कोई भी निर्माण कार्य अवैध माना जाएगा। फिर भी प्रशासनिक निष्क्रियता इस पूरे प्रकरण में गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या यह केवल लापरवाही है या फिर अधिकारियों की मिलीभगत और संरक्षण में यह सब हो रहा है?

जनहित में हो निष्पक्ष जांच

इस पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किसके आदेश या संरक्षण में इन अवैध पट्टों और निर्माणों को अंजाम दिया जा रहा है। नगर निकाय के संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

पहले भी हुई है कार्रवाई, फिर भी दोहराया अतिक्रमण

गौरतलब है कि पूर्व में न्यायालय के आदेश के तहत इन अतिक्रमणों को हटाया गया था। लेकिन अब एक बार फिर अतिक्रमणकारी सक्रिय हो चुके हैं और ग्रीन बेल्ट की कीमती भूमि पर कब्जा कर लिया गया है। ऐसे में नागरिकों की नजरें अब ईमानदार और कठोर कार्यवाही करने वाले जिलाधिकारी पर टिकी हैं कि वे इस भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: क्रप्या न्यूज़ कॉपी न करे अन्यथा आपको DMCA दिया जाएगा