कांग्रेस जिलाध्यक्ष की पार्षदों को निष्कासन की कार्रवाई पक्षपात और एकपक्षीय कांग्रेस पार्षद हरगोविंद दीवान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को वस्तुस्थिति से अवगत करवाया, नेता प्रतिपक्ष योगेश प्रजापति पर कार्रवाई की मांग

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नीमच। नीमच नगरपालिका परिषद के सम्मेलन में हाथापाई करने व महिला पार्षद के साथ अभद्र व्यवहार करने पर कार्रवाई करने की बजाय जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया ने अपनी बात रखने वाले दो पार्षदों को पार्टी से निष्कासन की कार्रवाई है, यह कार्रवाई पक्षपातपूर्ण के अलावा एक पक्षीय है, परिषद के सम्मेलन में दो पक्ष के बीच में बातचीत हो रही थी, वहीं एक पक्ष को पार्टी से बाहर निकाल देना भेदभावपूर्ण कार्रवाई को दर्शाता है। इस मामले में पार्षद हरगोविंद दीवान और सुमित्रा मुकेश पोरवाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को पत्र लिखकर अवगत करवाया है।
पार्षद हरगोविंद दीवान और श्रीमति सुमित्रा पोरवाल ने जारी प्रेस नोट में बताया कि नगरपालिका परिषद का बजट सम्मेलन 24 मार्च को आयोजित हुआ था। जलकर की राशि कम किए जाने और वार्ड में हुए विकास कार्य को लेकर नगरपालिका अध्यक्ष स्वाति चौपडा व सीएमओ महेंद्र वशिष्ठ का धन्यवाद ज्ञापित किया गया था। यह एक प्रक्रिया है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष योगेश प्रजापति ने महिला पार्षद के साथ अशोभनीय भाषा का उपयोग कर धमकाया। नेता प्रतिपक्ष व अन्य पार्षद किसी प्रस्ताव या मुद्दे पर विरोध प्रकट कर सकते है, लेकिन किसी पार्षद की निजी राय पर किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकते है, पर योगेश प्रजापति अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए हम पार्षदों की आवाज को दबाना चाहते है, वे कांग्रेस समर्थित पार्षदों को मोहरा बनाकर शहर में अवैध निर्माण, जमीन संंबंधित मामलों में शिकायतें कर अवैध वसूली करते है। वे जनहित के मामले उठाने की बजाय निजी स्वार्थपूर्ति के मामले उठाते है, जिनका अन्य पार्षदों व जनता से कोई लेना देना नहीं है। शहर में जब अच्छा कार्य होता है तो जिम्मेदारों को धन्यवाद ज्ञापित करना भी चाहिए, इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। जलकर की राशि कम किए जाने को लेकर जनता की तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया जा रहा था तो योगेश प्रजापति ने अभद्र भाषा का उपयोग किया। योगेश प्रजापति के खिलाफ कार्रवाई होने की बजाय निर्दोष पार्षदों पर निष्कासन की कार्रवाई की है। इस मामले की जांच पडताल भी नहीं की गई, न ही नोटिस जारी किया गया। जब दो पक्षों के बीच मामला हुआ है तो दोनों पक्षों पर कार्रवाई होना चाहिए। दोनों पार्षदों को निशाना बनाकर द्वेषतापूर्ण कार्रवाई की गई है। पार्षदपति झूमाझपटी के लिए आया- परिषद के सम्मेलन में नियमों को अगर देखा जाए तो नगरपालिका सदन की अनुमति लेकर पार्षद पति दर्शक दीर्घा की मुद्रा में बैठ सकते है, किन्तु सम्मेलन में जब योगेश प्रजापति द्वारा हो हल्ला किया जा रहा था, तो एक पार्षदपति भी हाथापाई पर उतारू हो गए, जो वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहा है।

खून में है कांग्रेस
श्री दीवान और श्रीमति पोरवाल ने बताया कि उनके खून में कांग्रेस है, निजी स्वार्थ की पूर्ति व एक पक्षीय कार्रवाई कर पार्टी से निष्कासित करना गलत है। कांग्रेस पार्टी के लिए हमेशा काम किया है और आगे भी करते रहेंगे। जिलाध्यक्ष श्री चौरसिया द्वारा अगर निष्पक्ष निर्णय लिया जाता तो दोनों पक्ष को सुना जाता है, पर ऐसा नहीं किया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव कुणाल चौधरी को पत्र लिखकर इस मामले से अवगत करवाया गया है। सिर्फ शिकायतें करना और अवैध लाभ अर्जित करना ही काम रह गया है नेता प्रतिपक्ष का— पार्षद श्री दीवान और श्रीमति पोरवाल ने बताया कि योगेश प्रजापति अपने पार्षद पद व नेता प्रतिपक्ष के पद का दुरूपयोग कर रहे है। शहर में अवैध निर्माण की शिकायतें कर संबंधितों से अवैध वसूली करने के काम में नेता प्रतिपक्ष जुटे हुए है। नेता प्रतिपक्ष का काम सिर्फ ब्लेकमेल करने का रह गया है।

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